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Agra 282002
Uttar Pradesh
India
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Advocate Manish Kumar Singh Kushwaha is a highly skilled Cyber Security Expert and Advocate, known for his integrity, professionalism, and dedication to justice. With deep expertise in cybercrime and civil matters, he provides effective legal solutions and expert representation to clients across Uttar Pradesh and other states in India.
He specializes in handling cybercrime cases such as internet fraud, online money theft, digital scams, and false cyber accusations. In addition, he offers legal services in marital disputes, consumer cases, accident claims, debt recovery, domestic violence, property partition, cheque bounce (138 NIA) cases, eviction, commercial disputes, land acquisition, and other civil and criminal matters.
Advocate Manish Kumar Singh Kushwaha is also well-versed in arbitration, mediation, and settlement proceedings, helping clients resolve disputes efficiently and fairly.
His mission is to make justice accessible to everyone. He also provides legal guidance for government schemes such as those under the Department of Social Welfare and Kisan Samman Nidhi Yojana, ensuring citizens get the benefits they deserve.
With a strong commitment to his clients’ rights and interests, Advocate Manish Kumar Singh Kushwaha continues to deliver reliable, transparent, and result-oriented legal services in both civil and criminal law.
He specializes in handling cybercrime cases such as internet fraud, online money theft, digital scams, and false cyber accusations. In addition, he offers legal services in marital disputes, consumer cases, accident claims, debt recovery, domestic violence, property partition, cheque bounce (138 NIA) cases, eviction, commercial disputes, land acquisition, and other civil and criminal matters.
Advocate Manish Kumar Singh Kushwaha is also well-versed in arbitration, mediation, and settlement proceedings, helping clients resolve disputes efficiently and fairly.
His mission is to make justice accessible to everyone. He also provides legal guidance for government schemes such as those under the Department of Social Welfare and Kisan Samman Nidhi Yojana, ensuring citizens get the benefits they deserve.
With a strong commitment to his clients’ rights and interests, Advocate Manish Kumar Singh Kushwaha continues to deliver reliable, transparent, and result-oriented legal services in both civil and criminal law.
Other Information
साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) किसी एक व्यक्ति या वेबसाइट की मदद से नहीं, बल्कि एक पूरे नेटवर्क और कई तरीकों का इस्तेमाल करके किए जाते हैं। ठग (Fraudsters) अक्सर भरोसा, लालच और डर का फायदा उठाते हैं।
यहाँ मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनकी मदद से साइबर फ्रॉड होते हैं:
1. 👥 लोगों (व्यक्तियों) की मदद से
साइबर फ्रॉड करने वाला अकेला व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वे दूसरों को उपकरण या साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं:
बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करना:
ठग खुद को बैंक, RBI, पुलिस, या किसी अन्य सरकारी विभाग का अधिकारी बताते हैं।
वे आपसे OTP, ATM पिन, या व्यक्तिगत जानकारी (KYC) माँगकर ठगी करते हैं (Vishing)।
टेक्नोलॉजी/कॉल सेंटर की मदद:
वे अक्सर वर्चुअल नंबर, VPN और कॉल फॉरवर्डिंग (जैसे *21* कोड) का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका पता न चल पाए।
म्यूल अकाउंट (Mule Accounts):
ठगी के पैसे को छुपाने के लिए वे ऐसे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें पता नहीं होता कि उनके खाते का इस्तेमाल गलत काम के लिए हो रहा है, या वे जानबूझकर लालच में शामिल होते हैं।
2. 🌐 वेबसाइट और डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से
साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए नकली (Fake) वेबसाइट्स और ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं:
तरीका
वेबसाइट/प्लेटफ़ॉर्म का प्रकार
कैसे होता है?
फिशिंग (Phishing)
नकली बैंक/ई-कॉमर्स वेबसाइट्स (Clone Websites)
ठग असली वेबसाइट (जैसे बैंक या शॉपिंग साइट) जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं। जब आप अपनी ID/पासवर्ड डालते हैं, तो जानकारी ठगों के पास चली जाती है।
मैलवेयर/रैंसमवेयर (Malware)
खतरनाक APK फ़ाइलें/संदिग्ध सॉफ्टवेयर वेबसाइट्स
ठग आपको एक लिंक भेजते हैं जिससे एक खतरनाक ऐप या फ़ाइल (APK) डाउनलोड हो जाती है। यह ऐप आपके फोन या कंप्यूटर से OTP, बैंकिंग जानकारी, और डेटा चुरा लेता है।
जॉब/इन्वेस्टमेंट स्कैम
फर्जी निवेश/टॉस्क वेबसाइट्स
ये वेबसाइट्स झूठा लालच देती हैं कि आप छोटे-छोटे काम करके या पैसे लगाकर जल्दी अमीर बन सकते हैं, और आपसे पहले ही पैसे ऐंठ लेती हैं।
सोशल मीडिया स्कैम
फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप
आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
OTP या पिन कभी शेयर न करें: बैंक या कोई भी संस्था आपसे कभी भी फोन पर OTP, PIN, या CVV नहीं मांगती।
लिंक की जाँच करें: किसी भी अनजान मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा 'https' और लॉक आइकन (🔒) देखकर ही वेबसाइट पर जाएँ।
ऐप्स केवल Play Store/App Store से डाउनलोड करें: WhatsApp या SMS पर आई हुई किसी भी APK फ़ाइल को डाउनलोड न करें।
संदेहास्पद कॉल की सूचना दें: अगर कोई खुद को बैंक अधिकारी बताए और OTP माँगे, तो तुरंत कॉल काट दें और बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
अगर आपके साथ कोई फ्रॉड हुआ है, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
क्या आप जानना चाहेंगे कि किसी खास साइबर फ्रॉड (जैसे डिजिटल अरेस्ट या OLX स्कैम) से कैसे बचा जाए?
यहाँ मुख्य तरीके दिए गए हैं जिनकी मदद से साइबर फ्रॉड होते हैं:
1. 👥 लोगों (व्यक्तियों) की मदद से
साइबर फ्रॉड करने वाला अकेला व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वे दूसरों को उपकरण या साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं:
बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करना:
ठग खुद को बैंक, RBI, पुलिस, या किसी अन्य सरकारी विभाग का अधिकारी बताते हैं।
वे आपसे OTP, ATM पिन, या व्यक्तिगत जानकारी (KYC) माँगकर ठगी करते हैं (Vishing)।
टेक्नोलॉजी/कॉल सेंटर की मदद:
वे अक्सर वर्चुअल नंबर, VPN और कॉल फॉरवर्डिंग (जैसे *21* कोड) का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका पता न चल पाए।
म्यूल अकाउंट (Mule Accounts):
ठगी के पैसे को छुपाने के लिए वे ऐसे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें पता नहीं होता कि उनके खाते का इस्तेमाल गलत काम के लिए हो रहा है, या वे जानबूझकर लालच में शामिल होते हैं।
2. 🌐 वेबसाइट और डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से
साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए नकली (Fake) वेबसाइट्स और ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं:
तरीका
वेबसाइट/प्लेटफ़ॉर्म का प्रकार
कैसे होता है?
फिशिंग (Phishing)
नकली बैंक/ई-कॉमर्स वेबसाइट्स (Clone Websites)
ठग असली वेबसाइट (जैसे बैंक या शॉपिंग साइट) जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं। जब आप अपनी ID/पासवर्ड डालते हैं, तो जानकारी ठगों के पास चली जाती है।
मैलवेयर/रैंसमवेयर (Malware)
खतरनाक APK फ़ाइलें/संदिग्ध सॉफ्टवेयर वेबसाइट्स
ठग आपको एक लिंक भेजते हैं जिससे एक खतरनाक ऐप या फ़ाइल (APK) डाउनलोड हो जाती है। यह ऐप आपके फोन या कंप्यूटर से OTP, बैंकिंग जानकारी, और डेटा चुरा लेता है।
जॉब/इन्वेस्टमेंट स्कैम
फर्जी निवेश/टॉस्क वेबसाइट्स
ये वेबसाइट्स झूठा लालच देती हैं कि आप छोटे-छोटे काम करके या पैसे लगाकर जल्दी अमीर बन सकते हैं, और आपसे पहले ही पैसे ऐंठ लेती हैं।
सोशल मीडिया स्कैम
फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप
आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
OTP या पिन कभी शेयर न करें: बैंक या कोई भी संस्था आपसे कभी भी फोन पर OTP, PIN, या CVV नहीं मांगती।
लिंक की जाँच करें: किसी भी अनजान मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा 'https' और लॉक आइकन (🔒) देखकर ही वेबसाइट पर जाएँ।
ऐप्स केवल Play Store/App Store से डाउनलोड करें: WhatsApp या SMS पर आई हुई किसी भी APK फ़ाइल को डाउनलोड न करें।
संदेहास्पद कॉल की सूचना दें: अगर कोई खुद को बैंक अधिकारी बताए और OTP माँगे, तो तुरंत कॉल काट दें और बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
अगर आपके साथ कोई फ्रॉड हुआ है, तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
क्या आप जानना चाहेंगे कि किसी खास साइबर फ्रॉड (जैसे डिजिटल अरेस्ट या OLX स्कैम) से कैसे बचा जाए?
Education
Practice Areas
Cyber Law
CYBER CRIME
Criminal Law
Services
CYBER CRIME
Cybercrime Complaint Filing
Bail, defence, fraud, cybercrime, quashing of FIR
Civil and criminal law
138 NIA
Advocate in family matters
Courts of Practice
District Court, Agra
District Court, Dholpur
District Court, Surajpur Greater Noida
District Court, Bharatpur
District Court, Jaipur
Department of Commercial Tax Tribunal, Agra
HYDERABAD AND RANGAREDDY AND CYBERABAD
